वक़्त की चेतावनी | Vakt Ki Chetavani
पहले जब बारिश नहीं होती थी,
बुज़ुर्ग कहते – “हे प्रभु!
हमारे लिए नहीं सही,
गाय के भाग्य के लिए तो बरसों…”
जब ज़्यादा बरसात होती थी,
कहते – “हे प्रभु!
अब चिड़ियों को चोग चुगने का समय दो…”
अब ज़्यादा बारिश होने पर सरकार कहती है –
“सभी अपने घरों में रहें, सुरक्षित रहें।”
अब घर बन गए हैं ‘घार’,
चारों ओर हो रहा घोर नुक़सान।
कब दोगे पर्यावरण की रक्षा पर ध्यान?
नहीं संभले तो अगली बार होगा,
इससे से भी बड़ा घोर नुकसान।
Vakt Ki Chetavani
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