सुकून (Sukun)
ऊँचे टिले पर बैठकर..
यादों को ताज़ा कर रहा था।
बीती बातों में खोया…
पल-पल का एहसास कर रहा था।
चारों ओर अजब सा दृश्य था,
और भीतर… ग़ज़ब सा शोर था।
कहीं ज़िंदगी का सुकून था,
और कहीं… ज़िंदगी की बिसरी यादें थीं।
सुकून भी था… सवाल भी थे,
एक मैं था… और मेरे ही ख्वाब थे।
Also Read: गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी | Kisaan Ki Samasya | Story of Mahatma Buddha
Explore health and wellness tips now: Wellhealthnexus.com
Leave a Reply