मोहब्बत | Mohabbat
ऐ मोहब्बत……तू मुझे इतना सता,
कि मेरे ख्वाबों में बस तू ही आ।
मन तो तूने पहले ही लूट ही लिया,
पर कम से कम….तन तो छोड़ती जा।
न नींद मुकम्मल हुई,
न तू मोहब्बत पूरी हुई…
बस दिल के किसी कोने में
तेरी याद अधूरी सी सोयी रही।
तेरे इंतज़ार में गुजरती रही हर रात,
तू तो ख्वाबों में भी आने से कतराती रही. ….
काश एक बार ही सही. .. तू बेखौफ़ चली आती।
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